मेघालय: 21 सीटों वाली कांग्रेस से 2 सीटों वाली BJP ऐसे छीन ले गई सरकार

मेघालय में भी भारतीय जनता पार्टी को सत्तासुख मिलने जा रहा है. रविवार को घटे नाटकीय घटनाक्रम में 21 सीट जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता से दूर करते हुए बीजेपी ने 5 दलों और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया है.

केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी को मेघालय में महज 2 सीट मिली और लग रहा था कि राज्य में 21 सीट हासिल करने वाली कांग्रेस पूर्वोत्तर के इस राज्य में अपनी बादशाहत कायम रखने में कामयाब रहेगी. त्रिपुरा और नगालैंड में खाता तक नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस के लिए यह किला बचाना बेहद जरूरी हो गया था. इस लिहाज से उसने अपने कदम तेजी से बढ़ा भी दिए थे, लेकिन बीजेपी के चतुर रणनीतिकारों ने यहां भी कांग्रेस की योजना पर पानी फेर दिया.

गोवा और मणिपुर में भी हुआ था ऐसा

यह पहली बार नहीं है कि बीजेपी के रणनीतिकारों ने कांग्रेस के करीब जाती सत्ता को उससे छीन कर अपने पक्ष कर लिया हो. पिछले साल बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सभी को चौंकाते हुए सत्ता हासिल कर ली थी.

60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19, बीजेपी 2, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 6, एचएसपीडीपी 2, पीडीएफ 4 और 1 निर्दलीय के साथ आने से इस गठबंधन के पास 34 विधायकों का समर्थन हो गया है.

वहीं सबसे ज्यादा 21 सीट जीतकर राज्य में सबसे बड़ी एकल पार्टी रही कांग्रेस बहुमत से महज 10 सीट दूर रही और फिर से सरकार बनाने की उसकी योजना नाकाम हो गई.

काम कर गया फॉर्मूला

राज्यपाल गंगा प्रसाद ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) नेता कोनराड संगमा को सरकार बनाने का न्यौता दिया है और वह मेघालय के अगले सीएम बनेंगे. वह लोकसभा के पूर्व स्पीकर पीए संगमा के बेटे हैं.

सरकार के गठन को लेकर बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि सरकार में उनकी पार्टी की भूमिका एनपीपी और यूडीपी के बाद तीसरे नंबर पर होगी.

उन्होंने कहा कि गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों में हर दो में से एक विधायक नई सरकार का हिस्सा होंगे. इस तरह से 2 विधायकों वाली बीजेपी का एक विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल होगा.

गठबंधन में शामिल हर दल को सरकार में हिस्सेदारी दिए जाने से मामला एकतरफा हो गया और कांग्रेस को सत्ता से दूर होना पड़ा. हालांकि यह तय नहीं है कि नई सरकार में मंत्रियों की संख्या कितनी होगी.

साथ ही क्षेत्रीय दलों को लगा होगा कि केंद्र में सत्तारुढ़ पार्टी के साथ जाना राज्य के लिए बेहतर रहेगा, इसलिए उन्होंने कांग्रेस के बजाए बीजेपी के साथ गठबंधन कर मिली-जुली सरकार बनाने का फैसला कर लिया.

सरकार में नहीं होगा उपमुख्यमंत्री पद

सरमा ने कहा कि नई सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की कोई व्यवस्था नहीं होगी. संगमा राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे. राज्य के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे संगमा ने कहा कि अगले दो-तीन दिन बेहद खास रहेगा क्योंकि पिछली विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. 7 मार्च को विधानसभा पूरा हो जाएगा. इससे पहले नई व्यवस्था को अमल में लाना होगा, इस लिहाज से सोमवार का दिन बेहद खास रहेगा.

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