
नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज अपना 45वां स्थापना दिवस मना रही है। यह पार्टी राष्ट्रभक्ति, समानता और विकास को प्राथमिकता देने वाले सिद्धांतों पर आधारित है। भाजपा की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। भाजपा का सफर 1984 में केवल 2 लोकसभा सीटों से शुरू हुआ था, लेकिन राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद पार्टी को देशभर में मजबूती मिली। 1996 में भाजपा संसद में सबसे बड़ा दल बनी, लेकिन बहुमत न होने के कारण वाजपेयी सरकार केवल 13 दिन ही टिक सकी। 1998 में एनडीए सरकार बनी, जो एक वर्ष तक चली। लेकिन 1999 में हुए चुनावों के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार एक गैर-कांग्रेसी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। 2004 से 2014 तक भाजपा विपक्ष में रही, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने 282 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा ने 300 से अधिक सीटें जीतीं और 2024 में 240 सीटों पर जीत दर्ज की। मोदी सरकार के कार्यकाल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संबंध और मजबूत हुए। पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार, और आधारभूत संरचनाओं के विकास को प्राथमिकता दी। भाजपा का मूल विचारधारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एकात्म मानववाद और राष्ट्रवाद से प्रेरित है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, समान नागरिक संहिता की दिशा में काम करना, और आत्मनिर्भर भारत अभियान भाजपा की प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सत्ता में आई भाजपा ने रक्षा उत्पादन, आधारभूत संरचनाओं के विस्तार और भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया है। रेलवे, सड़कों और जलमार्गों के विकास के साथ-साथ भारत अब रक्षा उत्पादों का निर्यातक बन चुका है। भाजपा के 45वें स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रदीप पाटिल ने इस अवसर पर कहा कि भाजपा राष्ट्रहित में निरंतर कार्य कर रही है और भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।