
नागपुर. राणा प्रताप नगर चौक पर स्थित 50 वर्ष पुराना ऐतिहासिक वट वृक्ष धाराशायी हो गया। यह घटना उस समय हुई जब बारिश के बाद बाढ़ के पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन डाली जा रही थी। इस कार्य के दौरान पोकलेन मशीन से खुदाई की गई, जिससे पेड़ कमजोर हो गया और अंततः गिर गया। स्थानीय निवासियों लक्ष्मण पडोले और अन्य ने पहले ही मनपा के अधिकारियों, ठेकेदारों को चेतावनी दी थी कि पेड़ की एक शाखा झुकी हुई है उसे काटा जाना चाहिए, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। परिणामस्वरूप, पेड़ सुबह गिर गया। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इसे प्रशासन की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है। मनीष चांदेकर, शहर अध्यक्ष (पर्यावरण विभाग), नागपुर शहर कांग्रेस कमिटी, और पूर्व नगरसेवक मनोज गावंडे ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने कहा कि इस घटना को एक तरह से पेड़ की ‘हत्या’ माना जाना चाहिए। चांदेकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार ‘लाडली बहन योजना’ चला रही है, जो महिलाओं और पर्यावरण की सुरक्षा का प्रतीक है, लेकिन इस पेड़ के गिरने से इस योजना का प्रतीकात्मक महत्व भी प्रभावित हुआ है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि खुदाई का काम तुरंत रोका जाए और इस पर पूरी तरह से अध्ययन के बाद ही दोबारा काम शुरू किया जाए। मनपा की लापरवाही के कारण भविष्य में और भी पेड़ खतरे में पड़ सकते हैं। इस घटना ने पर्यावरण और प्रशासनिक जिम्मेदारी के मुद्दे को लेकर स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता पैदा कर दी है।
