
नागपुर. उमरेड तहसील के भगत हेटी गांव में सड़क न होने से ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव की आबादी लगभग 100 के करीब है, लेकिन यहां के लोग आज भी पक्की सड़क की सुविधा से वंचित हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और इलाज के अभाव में कई लोगों की जान भी जा चुकी है।
चुनाव के बाद भुला दिए जाते हैं वादे: गांव के लोग बताते हैं कि हर चुनाव में उम्मीदवार विकास के वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद यहां की समस्याओं की अनदेखी की जाती है। नवनिर्वाचित उपसरपंच हिरामन अंबाडारे ने कहा कि कई पीढ़ियों से यह गांव सड़क के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: गांव की महिलाओं ने बताया कि बारिश के मौसम में गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए चारपाई का सहारा लेना पड़ता है। पानी की भी गंभीर समस्या है। गांव का एकमात्र कुआं सूख जाता है, जिससे ग्रामीणों को तीन किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
बाघ के डर में जी रहे हैं छात्र: भगत हेटी के बच्चों को बाघ के डर के बीच स्कूल जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। खेतों में बाघ का खतरा बना रहता है, जिससे बच्चों और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की सुविधा मिलने से उनकी कई समस्याएं हल हो जाएंगी, लेकिन आज तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।