
नई दिल्ली. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) और रोड-कम-रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV) का शुभारंभ किया। यह नई तकनीकी प्रणाली भारतीय रेलवे को सुरक्षित, सटीक और अधिक प्रभावी बनाएगी। रेल मंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह नई तकनीक भारतीय रेलवे के ट्रैकमैन, गैंगमैन, कीमैन और स्थायी पथ निरीक्षकों (PWI) के कामकाज को आसान और सुरक्षित बनाएगी। अगले पांच वर्षों में इसे सभी रेल ज़ोन में लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। नई तकनीक की विशेषताएँ, इंटीग्रेटेड ट्रैक मॉनिटरिंग सिस्टम (ITMS) ITMS एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो ट्रैक की निगरानी और माप के लिए लेजर सेंसर, हाई-स्पीड कैमरे, GPS और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करती है। त्वरण माप: यह प्रणाली ट्रैक पर गति और झटकों का माप कर सवारी की गुणवत्ता का विश्लेषण करती है। उल्लंघन माप प्रणाली: LiDAR तकनीक का उपयोग करके ट्रैक पर किसी भी बाधा या उल्लंघन का तुरंत पता लगाया जा सकता है। रफ़्तार: यह प्रणाली 20 से 200 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रैक का निरीक्षण करती है। रोड-कम-रेल निरीक्षण वाहन (RCRIV) RCRIV, टाटा योद्धा मॉडल पर आधारित एक बहुपयोगी वाहन है, जो सड़क और रेलवे ट्रैक दोनों पर चलने में सक्षम है। विशेष पहिए: आगे 250 मिमी और पीछे 750 मिमी लोहे के पहिए इसे ट्रैक पर चलने में सक्षम बनाते हैं।कैमरे: इसमें 15 दिन की बैकअप क्षमता वाले तीन कैमरे हैं, जो ट्रैक का रिकॉर्डिंग करते हैं। ट्रैक रखरखाव में बड़ा बदलाव रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे हर चार महीने में होने वाले रखरखाव को अब हर दो महीने में करने का लक्ष्य रख रहा है। यह कदम रेलवे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
यात्रियों की सुरक्षा में बढ़ोतरी
रेलवे की यह नई तकनीक हर दिन 2.3 करोड़ यात्रियों को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेगी। ITMS और RCRIV के उपयोग से ट्रैक की स्थिति को बेहतर तरीके से मॉनिटर किया जा सकेगा और किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सकेगा।
रेलवे की यह नई प्रणाली सुरक्षा और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय रेलवे को भविष्य की ओर अग्रसर करेगी।