
नागपुर. पिछले 10 महीनों से अत्यंत धीमी गति से चल रहे नाली निर्माण कार्य में शासन की घोर लापरवाही सामने आ रही है। यह कार्य सुयोग नगर, नागपुर के मुख्य मार्ग पर किया जा रहा है, जहां नाली में लोहे की सरियों को खुला छोड़ दिया गया है। निर्माण सामग्री जैसे गिट्टी, चुना और मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर सड़क पर पड़े हैं, जिससे आम नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लापरवाही का गंभीर परिणाम कुछ दिन पूर्व सामने आया, जब दिव्यांग बच्चों को स्कूल ले जा रहा एक ऑटो अधूरी नाली में गिर गया। इस हादसे में कुमारी ज्योत्स्ना अनेराव नामक एक दिव्यांग छात्रा घायल हो गई, जबकि ऑटो में सवार अन्य 7-8 छात्रों को भी चोटें आईं। सभी का इलाज किया गया। इतना ही नहीं, करीब दो महीने पहले एक गाय भी इसी नाली में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि निर्माण स्थल पर कोई भी चेतावनी बोर्ड, बैरिकेडिंग या सुरक्षा उपाय नहीं किए गए हैं। न ही नागरिकों को किसी प्रकार की सूचना दी गई है। पूरे क्षेत्र में धूल का साम्राज्य फैला हुआ है, जिससे पर्यावरण और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। कांग्रेस कमिटी नागपुर शहर के पर्यावरण विभाग अध्यक्ष मनीष चांदेकर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “शासन और संबंधित ठेकेदार की लापरवाही के कारण ऐसी गंभीर घटनाएं हो रही हैं। अगर भविष्य में कोई और अनहोनी होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और ठेकेदार की होगी।” स्थानीय व्यापारी शंकर सिंग्रोल और निवासी अनेराव, एडवोकेट हेमंत बालेकर, कैलास रावंदे, संजय मुराई, रमेश पौनीकर सहित कई नागरिकों ने बताया कि क्षेत्र में डर और असंतोष का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए और तब तक पूर्ण सुरक्षा उपाय किए जाएं, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।