
Desk News. आम जनता के लिए एक बार फिर लहसुन की तड़का महंगा हो गया है। खुदरा बाजार में इस समय लहसुन की कीमत सीधे 400 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। आगामी त्योहारी सीजन के दौरान यह कीमत और बढ़कर 600 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है, ऐसा अनुमान व्यापारियों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है। इससे निश्चित रूप से गृहणियों का बजट प्रभावित होगा।
लहसुन का आहार में विशेष महत्व होता है, लेकिन इस साल लहसुन की आवक कम होने के कारण इसकी कीमतों में वृद्धि हो रही है। पुरानी लहसुन की आवक लगभग खत्म हो गई है और नई लहसुन उपलब्ध नहीं होने के कारण इस समय बाजार में लहसुन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। इस साल देश में लहसुन के उत्पादन में गिरावट हो रही है, जिससे इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। पहले से ही महंगाई के कारण आम नागरिक अपनी जिंदगी में कटौती कर रहे हैं। ऐसे में महंगे लहसुन को खरीदना नागरिकों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है इससे पहले जनवरी महीने में भी लहसुन की कीमतों में भारी उछाल देखा गया था। बढ़ी हुई कीमतें कुछ समय के लिए कम हो गई थीं, लेकिन अब अगस्त में फिर से कीमतों में वृद्धि हो गई है। इस समय बाजार में लहसुन 400 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है, जबकि थोक बाजार में इसकी कीमत 300 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है।
महंगे लहसुन के कारण अब नागरिकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कीमतें कब तक कम होंगी। जनवरी से मई तक के समय में नई लहसुन का उत्पादन होता है और फरवरी तक इसकी आवक सामान्य रहती है। इस साल, ऐसा लग रहा है कि नागरिकों को महंगा लहसुन ही खरीदना पड़ेगा। महाराष्ट्र में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश से लहसुन की आवक होती है, और कीमतें बढ़ने से इसका असर आम जनता पर पड़ना निश्चित है।